योगासन के नियम

योगासन के नियम:-
1) योगासन के लिए कम से कम 30 मिनट और अधिक से अधिक 60 मिनट का समय काफी होता है।
2) योगासन हेतु प्रातः काल का समय सर्बोत्तम है लेकिन अनुभव मे आया है कि सायंकाल शरीर मे लचीलापन अधिक होता है इसलिए सायंकाल मे भी कर सकते है। ग्रीष्मकाल मे खुले वातावरण मे तथा वर्षा व शितऋतु मे कमरे मे योगासन करे।
3) प्रातःकाल शौच मंजन आदि से  निवरुत्त होकर खालि पेट ही योगासन करना सवोत्तम है।
4) आसन के तुरंत बाद स्नान कर सकते है। दमा, ब्रांकाइटिस व साइनोसाइटिस के रोगी गर्म जल से ही स्नान करे। योगाभ्यास के लिए नियमितता आवश्यक है।
5) आसन करते समय ध्यान या प्रार्थना की जा सकती है।
6) आसन करते समय तेज हवा नही लगनी चाहिए।
7) भोजन के 4-5 घंटे बाद या हल्के नाश्ते के 2 घंटे बाद योगासन कर सकते है।
8) प्रतिदिन नियमित आसन करना चाहिये।
9) अपने आसन का निरीक्षण व पुनः निरीक्षण करे और इस कार्य को अपनी आदत बना ले।
10) महिलाओ को मयूरासन नही करना चाहिए।
11) हॄदय रोग तथा रक्तचाप के रोगीयोंको बिना डॉक्टर के परामर्श के योगासन नही करना चाहिए। वह प्राणायाम कर सकते है।
12) यदि कोई आसन आपके शरीर के अनुकूल नहीं बैठता तो उसे जबरदस्ती से ना करे यह मत सोचे की वह कर सकता है तो मैं क्यू नही सबका शरीर एक जैसा नही होता क्योकि सब लोग अलग अलग ढंगसे रहते है।
13) योगासन सदैव शांत व प्रसन्नचित्त होकर स्वच्छ वातावरण में करना चाहिए।
14) आसनों के क्रम का विशेष ध्यान रखा जाए। एक आसन के बाद उसका पूरक आसन करना हितकरी है, जैसे सर्वांगासन के बाद मत्स्यासन।
15) आसन हेतु समतल भूमिपर दरी आदि अवश्य बिछाये।
16) किसीभी आसन को करते समय जोर ना लगाए नही तो लाभ की जगह हानि होगी।
17) हर दो तीन आसन के बाद अथवा थकने पर विश्राम (शवासन/मकरासन) करना आवश्यक है।
18) आसन करने के आधा घंटा करके फल आधी ले सकते है। यदि दूध सुलभ ना हो तो पानी पी सकते है।
19) कब्ज के रोगी को एक-दो गिलास ठंडा या गरम जल पीकर भुजंगासन, पवनमुक्तासन, योगमुद्रा करके शौच पर जाए, लाभ होगा।
20) आव के रोगी व मेरुदण्ड के रोगी सामने झुकने वाले आसन ना करे।
21) जिनकी ऑखे लाल हो गई है, उन्हें शीर्षासन नही करना चाहिए।
22) आसन करते समय आपस मे बातचीत न करे व आसन एकाग्र मन से करें।
23) रात्रि में जल्दी सोकर सूर्योदय के पूर्व उठने की आदत डालनी चाहिए, स्वास्थ की दृष्टि से यह सर्बोत्तम है।
24) आसन करने के पश्चात शरीर मे हल्कापन महसूस हो तो समझे योगासन सही हुआ।
25) स्त्रियों ने मासिक धर्म, गर्भावस्था मे प्रसूति के उपरांत   देढ़ माह तक का समय छोड़कर योगासन करना चाहिए।
26) आसन करते समय चश्मा न लगाये।
27) अगर सुविधा हो तो पूर्व की ओर मुह करकेहि सूर्यनमस्कार करना चाहिये। यह उपासना है।
28) आसन करते वक्त ढीले ढाले कपड़े पहनने चाहिए जैसे महिलायोको सलवार कुर्ता व पुरुष को कुर्ता-पैजामा या हाफ पैंट या लंगोटी भी पहन सकते है।
उपरोक्त सभी नियमो का पालन योगासन करते समय अवश्य करना चाहिये।

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