योग संबंधी मिथ्या धारणाएं

योग संबंधी मिथ्या धारणाएं :-
       योग एक व्यापक विषय है। वस्तुतः इसमे जीवन की परिपूर्णता के लिये ज्ञान-अज्ञान सभी प्रकार के ज्ञान व मार्गो का समावेश है। इसे मनुष्य जीवन के सर्वांगीण विकास की कुंजी, व्यधिमुक्त जीवन जीने व जीवन मे योग्य शिक्षा प्राप्त करने की कला कह सकते है। केवल अज्ञान, पुर्वाग्रह इत्यादि के कारण आज भी सर्वसामान्य के मन मे इस संबंध मे अनेक मिथ्या धारणाए है जो की निम्नलिखित है।

1) योग ऋषि मुनियो के लीये है :-  पूर्व काल मे योगविद्या केवल ऋषि-मुनियो तक ही सीमित थी। इस कारण यह विद्या केवल साधु, सन्यासी, फकीर, वैरागी इत्यादि के लिये है, ऐसी धारणा निर्मित हुई। जबकि सन्यास अर्थात छोडना, योग अर्थात जोड़ना। यह भूमिका होने के कारण योग सबके लिये व सबको जोड़ने वाला है । योग सबके लिए उपयुक्त है। इस लिए योग सन्यासी के लिये है यह एक मिथ्या ही कही जायेगी।

2)योग एक चमत्कार है:- कई ढोंगी साधु, फकीर, बाबा, संत कांच खाना, एसिड पीना, पारा पीना, आग पर चलना इत्यादि कृत्य कर यह सब योग के कारण ही साध्य है, ऐसा दावा करते है। इस कारण योग अर्थात चमत्कार व इसमे अदभुत विलक्षण क्षमता होने की मिथ्या लोगो के मन मे घर कर गई। योग केवल बुद्धिगम्य शास्त्र न होकर रसायन शास्त्र, भौतिक शास्त्र के समान प्रयोगसिद्ध शास्त्र व स्वयं अनुभव प्राप्त करने का मानस शास्त्र है।

3) हिन्दू धर्म का विषय:- पाश्चात्य देशो मे यह धारणा है की योगविद्या यह हिन्दू धर्म का विषय है। परंतु योगविद्या किसी धर्म की नही अपितु संपूर्ण मानव जीवन के कल्याण की विद्या है इसमे धर्म, जाती, स्थल, काल, आयु, लिंग के भेदभाव का कोई स्थान नही है।

4) योग केवल रोगियों के लिये है:- जिस व्यक्ति का शरीरीक व मानसिक स्वास्थ विकृत है या जिर्ण असाध्य रोगों से ग्रस्त है। ऐसे व्यक्ति को रोगमुक्त करने के लीये ही योग है अर्थात योग केवल रोगियों के लिए है, ऐसी गलत धारणा लोगों के मन मे निर्मित हुई।
अर्थात युवा, बूढ़ा, अतिबूढ़ा, व्याधिग्रस्त, दुर्बल, स्री, पुरुष सबके  लियें योग है।वस्तुतः यह सब मिथ्या धारणाए है। योग का क्षेत्र विस्तृत हैं। इसका अध्ययन करने पर यह एक परिपूर्ण शास्त्र प्रतीत होता है। आधुनिक युग मे मानव ने एक और यांत्रिक प्रगति की है तो दूसरी ओर अनेक शारीरिक व मानसिक रोगों को निमंत्रण भी दिया है। ऐसी स्थिती मे योग एक वरदान सिद्ध होगा, इसमे कोई दो राय नही है।

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