कर्ण पीडाआसन

स्तिथि :- आसान करने स्तिथि पीठ के बल लेटकर किया जाने वाला आसन |
क्रिया :- यह आसन करने के लिए सबसे पहले हलासन आना जरूरी है तभी यह आसन असानी से होगा |
*सबसे पहले हलासन करे और घुटनों को मोड़कर कान को लगाए बाकी विधि हलासन जैसेही करें |
लाभ :- हलासन मे जो लाभ बताए गए है वही लाभ इस आसन मे भी होते है | सिर्फ इसमे कान के रोग मे विशेष लाभ मिलते है | इसी कारण कर्ण मतलब कान का आसान कर्ण पीडाआसन यह नाम पड़ा है |

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